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गुलाब की देखभाल कैसे करें : खाद ,पानी ,सम्पूर्ण जानकारी

गुलाब एक बहुवर्षीय, खुशबूदार, फूलों वाला पौधा है। ये कई सारे रंगों में पाए जाते है। इस आर्टिकल में गुलाब की देखभाल कैसे करें : खाद ,पानी ,सम्पूर्ण जानकारी दी गई है। गुलाब की 100 से अधिक जातियां है जिसमें से अधिकांश एशियाई मूल के है। इसके शाखाओं में बहुत सारे नुकीले कांटे पाए जाते है। भारत में ऋतु के अनुसार गुलाब के दो भेद माने जाते है सदाग़ुलाब और चैती। सदाग़ुलाब पूरे साल खिलता है और चैती केवल बसंत ऋतु में। भारत सरकार ने 12 फरवरी को ’गुलाब–दिवस‘ घोषित किया है। क्योंकि गुलाब के फूलों में बहुत अच्छी खुशबू होती है इसलिए इसका इस्तेमाल इत्र बनाने में किया जाता है। इसे खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

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वानस्पतिक नामरोजा एसपीपी
पौधे का प्रकारफूल
रोशनीपूर्ण सूर्य
मिट्टीथोड़ा अम्लीय से उदासीन
खिलने का समयबसंत, गर्मी, सर्दी
फूल का रंगलाल, गुलाबी, सफेद, पिला, गुलाबी, नारंगी

गुलाब की देखभाल कैसे करें : खाद ,पानी ,सम्पूर्ण जानकारी

गुलाब को कैसे उगाएं:

गुलाब को मुख्यतः दो तरीके से उगाया जाता है तने की कटिंग (कलम) और बीज से। लेकिन गुलाब को बीज से उगाना अपेक्षाकृत ज्यादा मुश्किल है। इसलिए ज्यादातर गुलाब को उसकी तने की कटिंग से हीं उगाया जाता है। गुलाब उगाने का सबसे सही समय बसंत ऋतु या पतझड़ में होता है। इसके साथ आप बरसात के बाद भी गुलाब को उगा सकते है।

कटिंग से गुलाब कैसे उगाएं:

गुलाब को कटिंग से लगाने के लिए 6 से 8 इंच लंबी और पेंसिल के साइज जितनी मोटी हरे तने का चुनाव करें जिसमें कम से कम तीन नोड्स हो। अब उसे किसी तेज धार वाले चाकू या कटर से 45° कोण पर तने को काट लें। याद रखें तना एक बार में हीं कट जाना चाहिए। अब उसके ऊपर के सभी पतियों को हटा दें। अच्छे परिणाम के लिए कटिंग के निचले भाग पर किसी रूटिंग हार्मोन को लगा सकते है। रूटिंग हार्मोन के स्थान पर आप एलोवेरा जेल का भी इस्तेमाल कर सकते है। एलोवेरा एक प्राकृतिक रूटिंग हार्मोन का काम करता है। अब इसे 50% गार्डेन की मिट्टी + 30% रेत + 20% वर्मिकंपोस्ट के मिश्रण में कटिंग को लगभग 3 इंच नीचे लगा कर पानी दे दें। कटिंग लगाने के बाद इसे किसी छाया वाली जगह पर रखें। इसकी मिट्टी में हमेशा नमी बना कर रखें। लगभग एक हफ्ते में इसमें नई ग्रोथ दिखने लगेगी लेकिन जड़ों का विकास होने में लगभग 3 से 4 हफ्ते का समय लगता है। जब जड़ों का विकास हो जाए तो उसे ऐसी स्थान पर रखे जहां सुबह की 2 से 4 घंटे की धूप मिल सके। इसके बाद पौधे को नए गमले में या जमीन में लगा सकते है।अच्छे परिणाम के लिए एक साथ कई कटिंग को लगाएं। क्योंकि जरूरी नहीं है कि सारी कटिंग लग जाए।

बीज से गुलाब कैसे उगाएं:

गुलाब को बीज से उगाना अपेक्षाकृत अधिक कठिन है और बीज अंकुरित होने की भी संभावना कम होती है। फिर भी अगर आप गुलाब को बीज से उगाना चाहते ही तो सबसे पहले आपको बीज एकत्रित करना होगा। इसके लिए फूलों को बिना तोड़े गुलाब के पौधे पर हीं रहने दें। जब फूल मुरझा कर झड़ जाएंगे तो इनकी जगह पर फल बनाना शुरू हो जाएगा। फल जब सूख जाए तो उसे चाकू से काट कर उसके अंदर के बीज को निकाल कर अच्छे से धो कर साफ कर लें। इसके बाद बीज के ऊपर कोई भी एंटी–फंगल पाउडर का छिड़काव कर के उसे संरक्षित कर सकते है। बीज को मिट्टी में लगाने से पहले उसे किसी गिले कपड़े में बांध कर कम से कम एक हफ्ते के लिए घर के अंदर छांव वाली जगह पर रखें। अच्छे प्रभाव के लिए आप इसे फ्रिज के अंदर भी रख सकते है। जब बीज अंकुरित होने लगे तब आप इसे सीडलिंग ट्रे में लगा सकते है। बीज को आप कोकोपीट और वर्मिकंपोस्ट के मिश्रण में लगाएं। जब पौधा 3 से 4 इंच का हो जाए तब आप इसे दूसरे गमले में स्थानांतरित कर सकते है।

गुलाब के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें:

गुलाब के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए आप 50% साधारण बगीचे की मिट्टी + 30% रेत + 20% वर्मिकंपोस्ट या गाय की गोबर की खाद लें। मिट्टी का प्रकार: गुलाब के लिए सबसे अच्छी दोमट मिट्टी होती है। दोमट मिट्टी में रेत और गाद पाया जाता है जो गुलाब को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। मिट्टी का PH: गुलाब के लिए मिट्टी का PH 6.0–7.0 के बीच होना चाहिए। अगर मिट्टी ज्यादा अम्लीय है तो आप उसमें चुना मिला सकते है।

गमले का चुनाव:

गुलाब के पौधे के लिए कम से कम 10 से 12 इंच का गमला लें। गमले के निचले भाग में जल निकाशी के लिए छेद होना आवश्यक है। गुलाब के लिए मिट्टी के गमले सबसे उचित होते है। क्योंकि इसके दीवाल में बारीक छिद्र होते है जिससे पौधे को अधिक पानी देने पर भी इसमें से पानी वाष्पीकृत होकर बाहर निकल जाते है और पौधा पानी की अधिकता के कारण खराब नहीं होता।

खाद या उर्वरक:

गुलाब क्योंकि बहुवर्षीय पौधा है इसलिए कोशिश करें कि इसे ऑर्गेनिक खाद हीं दें। रासायनिक खाद से पौधा अधिक समय तक नहीं टिक पाता है। गुलाब के लिए सबसे अच्छी खाद गाय की सड़ी हुई गोबर की खाद होती है। इसके अलावा आप वर्मिकंपोस्ट, सूखे हुए पत्तों से तैयार की हुए खाद भी दे सकते है। आप इन खाद को 15 से 20 दिन के अंतरल पर दे सकते है। इसके अलावा आप महीने में एक बार 10 इंच के गमले में 1 चम्मच बोन मिल भी दे सकते है। अगर पौधे पर फूल नहीं आ रहे तो आप घर पर बनी चायपत्ती की खाद महीने में 1 बार दें। अच्छे प्रभाव के लिए केले के छिल्के का लिक्विड फर्टिलाइजर हर 15 दिन पर दें।

पानी:

गुलाब के पौधे को नमी पसंद है लेकिन मिट्टी बहुत ज्यादा गिला नहीं होना चाहिए। जब गमले की मिट्टी ऊपर से हल्की सुखी दिखे तभी पानी दें। गुलाब के पौधे में ओवरवाटरिंग कभी न करें। इससे पौधे की जड़ें सड़ सकती है और पौधा मर सकता है। कोशिश करें कि पानी सुबह या शाम में हीं दें। जब तेज धूप हो तो पंज देने से बचे। सर्दियों में आप पानी आप एक दिन बीच की के दें और जब गर्मी ज्यादा हो तो आप सुबह और शाम दो बार पानी दे सकते है। जब पौधे के ऊपर फूल खिले हो तो उसके ऊपर कभी पानी नहीं डालें नहीं तो फूल जल्दी मुरझा जाते है।

छटाईं:

गुलाब की नियमित रूप से छटाईं की जरूरत पड़ती है। जब फूल खिल कर मुरझा जाए तो उसे काट कर हटा दें। इससे पौधा अपनी सारी ताकत नई फूल बनाने में लगता है। साल में एक बार गुलाब के पौधे की हार्ड प्रूनिंग की जरूरत पड़ती है। आप ये काम बरसात के खत्म होने पर की सकते है। इससे पौधे में नई ग्रोथ शुरू होती है और पौधा घना होता है।

कीट और रोग नियंत्रण:

गुलाब के पौधे कीटों और रोगों के प्रति संवेदनशील होते है। कीटों को नियंत्रित करने के लिए पौधे के ऊपर हर 15 दिन पर नीम के तेल का छिड़काव करें। अगर पौधे पर ज्यादा फंगस या रोग लग गया है तो उसके लिए कोई भी उचित फंगसाइड या कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें।

अतिरिक्त सुझाव:

  • गुलाब के पौधे को बसंत या पतझड़ के मौसम में लगाएं। इसके अलावा आप बरसात के अंत में भी गुलाब का पौधा लगा सकते है।
  • गुलाब के पौधे में कभी भी ओवरवाटरिंग न करें। जब मिट्टी ऊपर से सुखी दिखे तभी पानी दें।
  • गुलाब के पौधे को कम से कम 6 से 8 घंटे की सीधी धूप की जरूरत पड़ती है। लेकिन मई–जून के महीने में जब धूप बहुत तेज हो तब उसे किसी ग्रीन नेट के नीचे रखे।
  • गुलाब के पौधे की समय–समय पर कटाई–छटाईं की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आप हमेशा तेज धार वाली साफ चाकू या कटर का इस्तेमाल करें।

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