सदाबहार (vinca or periwinkle) एक बारहमासी पौधा है जो पूरे साल फूल देता है और हरा-भरा रहता है। इसी कारण इसे सदाबहार कहा जाता है। इस आर्टिकल में सदाबहार की देखभाल कैसे करें : खाद,पानी, सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है। सदाबहार का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसकी पत्तियां मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है। सदाबहार का उपयोग बगीचों और गमलों में सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है। सदाबहार आपको कई रंगों में मिल जायेंगे, जैसे सफेद, गुलाबी और लाल।

साधारण नाम | सदाबहार, विंका, पेरीविंकल |
वानस्पतिक नाम | कैथेरेंथस रोसयस |
पौधे का प्रकार | वार्षिक |
रोशनी | पूर्ण सूर्य, आंशिक सूर्य |
PH | अम्लीय, उदासीन |
खिलने का समय | वसंत, गर्मी |
फूल के रंग | सफेद, गुलाबी, लाल |
सदाबहार की देखभाल कैसे करें : खाद,पानी, सम्पूर्ण जानकारी
सदाबहार को कैसे उगाएं:
सदाबहार को बीज और कटिंग दोनो तरह से उगा सकते है। ये बहुत आसानी से उग जाते है। इसे सर्दियां खत्म होने के बाद या वसंत के शुरुआत में उगा सकते है।
बीज से कैसे उगाएं:
सबसे पहले पौधे के उपर बीज बनाने लगे तो उन्हे सूखने के लिए छोड़ दें। जब बीज सुख जाए तो उन्हे इकठ्ठा कर लें। अब इन बीजों को सीधे मिट्टी, कोकोपीट या रेत किसी भी माध्यम में लगा सकते है। बीज लगाने के बाद इसे किसी छाव वाली जगह पर रख दे। जब बीज अंकुरित होने लगेंगे तब उन्हे बाहर धूप में निकालें। जब पौधा 3-4 इंच का हो जाए तब उसे किसी बड़े गमले में स्थांतरित कर सकते है।
कटिंग से कैसे उगाएं:
सदाबहार को कटिंग से लगाना बहुत आसान है। सबसे पहले किसी परिपक्व पौधे से उपर की 3 से 4 इंच की ब्रांच काट लें। फिर उसके उपर की कुछ पत्तियों को छोड़ कर नीचे की सारी पत्तियां हटा दें। अब इसे 50% साधारण मिट्टी + 30% रेत + 20% वर्मीकम्पोस्ट के मिश्रण में लगा कर किसी छाया वाली जगह पर रख दें। याद रखे की मिट्टी में हमेशा नम बनी रहे। जब कटिंग में नई ग्रोथ दिखने लगे तब इसे धूप में निकाल सकते है। लगभग 15 से 20 दिनों में इसमें जड़े निकलने लगेंगी। जब पौधे में जड़ें अच्छे से विकसित हो जाए तब आप इसे किसी बड़े गमले में लगा सकते है।
गमले का चुनाव:
सदाबहार का पौधा छोटे गमले में भी ग्रो हो जाते है। लेकिन इसकी अच्छी ग्रोथ के लिए 8-10 इंच का गमला उपयुक्त है। इसमें इसके जड़े अच्छे से फैलती है और पौधा घना होता है।
मिट्टी:
वैसे तो सदाबहार किसी भी मिट्टी में आसानी से ग्रो हो जाते है। लेकिन सदाबहार के लिए हल्की रेतीली मिटी सबसे अच्छी होती है। जिसमें पानी अधिक देर तक न टीके। इसकी मिट्टी तैयार करने के लिए 50% साधारण बगीचे की मिट्टी + 30% रेत + 20% वर्मिकंपोस्ट या गोबर की खाद लें।
रोशनी:
सदाबहार मे अच्छे फूल पाने के लिए इसे कम से कम 6 से 8 घंटे की सीधी धूप की जरूरत होती है। छांव में इसके पौधे कमजोर हो जाते है और उनपर फूल भी नहीं आते। सदाबहार को जितनी ज्यादा धूप मिलेगी उतने ज्यादा फूल आयेंगे।
पानी:
सदाबहार की मिट्टी में नमी बना कर रखें लेकिन मिट्टी को ज्यादा गिला या चिपचिपा ना रखें। मिट्टी ज्यादा गिला रहने से इसकी जड़े सड़ सकती है। जब गमले की मिट्टी ऊपर से 1 इंच सुखी दिखे तभी पानी दें। बरसात के दिनों में इसे बारिश के पानी से बचाने की जरूरत होती है। बारिश के पानी से इसकी जड़े बहुत जल्दी सड़ जाती है।
खाद या उर्वरक:
सदाबहार को ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती। लेकिन इसमें अच्छे फूल पाने के लिए महीने में एक बार कोई भी संतुलित खाद दे सकते है। इसके लिए सबसे अच्छी खाद वर्मिकंपोस्ट या गोबर की खाद होती है। इसके साथ हीं घर पर बनी सब्जियों और फलों के छिल्के का लिक्विड फर्टिलाइजर भी दे सकते है। वसंत का मौसम जब इसमें नई ग्रोथ शुरू होती है उस समय इसे खाद जरूर दें। सर्दियों में इसकी ग्रोथ रुक जाती है इसलिए इस समय इसे खाद दें से बचे।
छटाई:
सदाबहार की अच्छी ग्रोथ और उसे घना बनाने के लिए पौधे की कटाई–छटाई बहुत जरूरी होती है। सर्दियों खत्म होने के बाद आप इसकी कटाई–छटाई कर सकते है। पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए जब उसपे बीज बनाने लगे तो उसे तोड़ कर हटा दें। नहीं तो पौधा अपनी सारी एनर्जी बीज बनाने में लगा देगा और पौधे की ग्रोथ रुक जाएगी।
कीट और रोग नियंत्रण:
सदाबहार आमतौर पर कीटों और रोगों के प्रति प्रतिरोधी होता है। लेकिन कभी–कभी इनपर एफिड्स और मिलीबग लग जाते है। इनको नियंत्रित करने के लिए आप नीम के तेल का छिड़काव करें।
अतिरिक्त सुझाव:
- सदाबहार को हमेशा अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं।
- सदाबहार मे कभी भी ओवरवाटर्निंग ना करें। जब गमले की मिट्टी अच्छे से सुख जाए तभी दुबारा पानी दें।
- सदाबहार को ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 6–8 घंटे की सीधी धूप आती हो।
- सदाबहार की अच्छी ग्रोथ के लिए महीने में एक बार इसे कोई भी संतुलित खाद जरूर दें।
- पौधे को घना बनाने के लिए समय–समय पर इसकी छटाई करें।