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How To Make Kitchen Compost / घर पर किचन कम्पोस्ट कैसे बनाएं

आज के समय में जब पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है। इस आर्टिकल में हमलोग ( How To Make Kitchen Compost / घर पर किचन कम्पोस्ट कैसे बनाएं ) सीखेंगे। पर्यावरण संकट के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए। इसमें सबसे सरल और प्रभावी तरीका है किचन वेस्ट (Kitchen Waste) का सही तरीके से उपयोग करना। आमतौर पर हम रसोई के कचरे को बेकार समझकर फेंक देते हैं, जबकि यही कचरा मिट्टी के लिए सबसे उपजाऊ खाद (Compost) में बदला जा सकता है। इस तरह से हमारे घरों से निकलने वाला कचरा कम होगा और हमारा पर्यावरण पहले से अच्छा होगा।

How To Make Kitchen Compost / घर पर किचन कम्पोस्ट कैसे बनाएं

How To Make Kitchen Compost / घर पर किचन कम्पोस्ट कैसे बनाएं

किचन कम्पोस्ट क्या होता है?

कम्पोस्ट एक प्रकार की जैविक खाद होती है, जो किचन और बगीचे के जैविक कचरे को सड़ाकर बनाई जाती है। इसमें पोषक तत्वों के साथ साथ जैविक तत्वों की भरमार होती है, जो पौधों की बढ़वार और मिट्टी की उर्वरता के लिए बहुत लाभदायक होती है।

घर पर किचन कम्पोस्ट बनाने के फायदे

  • पर्यावरण संरक्षण – कचरे को मिट्टी में बदलकर आप लैंडफिल पर बोझ घटाते हैं।
  • मिट्टी की गुणवत्ता में बढ़ोतरी – कम्पोस्ट से मिट्टी में नमी और पोषण बना रहता है।
  • रसोई से निकलने वाले कचरे का पुनः उपयोग – फेंके जाने वाले जैविक कचरे का उपयोग खाद बनाने में हो जाता है।
  • पैसे की बचत – बाजार से खाद खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती।

घर पर कम्पोस्ट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

  • कम्पोस्ट बिन / डब्बा , बकेट – कोई भी प्लास्टिक का डिब्बा, बाल्टी या मिट्टी का घड़ा में बना सकते हैं । इसके लिए ढक्कन जरूरी है।
  • रसोई का जैविक कचरा – सब्जियों और फलों के छिलके, चाय की पत्ती, अंडे के छिलके।
  • सूखा पदार्थ (Brown Material) – सूखे पत्ते, अखबार के टुकड़े, कागज, बांस की राख।
  • कुछ मिट्टी या पुराना कम्पोस्ट – प्रक्रिया को शुरू करने के लिए। इससे कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया तेज़ी से होती है।
  • छेद करने का औजार – बिन में हवा के लिए छेद करना जरूरी है। इससे कम्पोस्ट की पानी निकलने में मदद मिलती है।

किचन कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया

  • चरण 1: कम्पोस्ट बिन तैयार करना
  • एक पुराना प्लास्टिक का डिब्बा , बाल्टी या मिट्टी का घड़ा लें।
  • उसके नीचे और साइड में छोटे-छोटे छेद करें ताकि हवा का संचार बना रहे। इससे कम्पोस्ट में सरण की बदबू नहीं आती है।
  • नीचे कुछ सूखे पत्ते या कागज की परत बिछा दें।
  • चरण 2: कचरे को सही तरीके से छांटना
  • हर प्रकार का रसोई कचरा कम्पोस्ट के लिए उपयुक्त नहीं होता। नीचे सूची दी जा रही है:

क्या डालें (Green Waste):

  • सब्जियों और फलों के छिलके
  • चाय और कॉफी की बची पत्तियाँ
  • अंडे के छिलके
  • पुराने फूल
  • हरा कचरा
  • गार्डेन से इकठा की गई पत्तियां

क्या न डालें:

  • पके हुए खाने का तेल या चिकनाई
  • मांस और डेयरी उत्पाद
  • हड्डियाँ
  • प्लास्टिक, रबर, धातु
  • सड़े हुए या संक्रमित खाद्य पदार्थ
  • चरण 3: परतें बनाना
  • सबसे पहले सूखा पदार्थ (brown material) डालें।
  • फिर रसोई कचरा (green material) डालें।
  • उसके ऊपर थोड़ा पुराना कम्पोस्ट या मिट्टी डालें।
  • यह परतें दोहराएं जब तक डब्बा भर न जाए।

नोट – हर बार कचरा डालने के बाद सूखा पदार्थ जरूर डालें ताकि गंध न आए।

  • चरण 4: समय-समय पर मिलाना
  • हर 3-4 दिन में एक बार लकड़ी की छड़ी या पुराने चमचे से कम्पोस्ट को हिला दें ताकि हवा अंदर जाए और कम्पोस्टिंग की प्रक्रिया तेज़ी से हो।
  • इससे सूक्ष्मजीव अच्छे से काम करेंगे और सड़न की प्रक्रिया तेज होगी।
  • चरण 5: गंध और कीड़ों से बचाव
  • अगर कम्पोस्ट में से बदबू आ रही है, तो इसका मतलब है कि उसमें नमी ज्यादा है।
  • ऐसे में सूखे पत्ते या अखबार डालें और अच्छे से मिलाएं। आप चाहे तो थोड़ी मिट्टी भी दाल सकते हैं।
  • ढक्कन बंद रखें और आसपास नीम के पत्ते रख सकते हैं जिससे कीड़े दूर रहें।

कम्पोस्ट बनने में कितना समय लगता है?
घर के तापमान और मौसम पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यतः 30 से 60 दिनों में कम्पोस्ट तैयार हो जाता है। सामान्यतः गर्मियों में यह प्रक्रिया जल्दी होती है बनिस्पत ठण्ड से। जब यह गहरे भूरे रंग का, मिट्टी जैसी गंध वाला और बारीक बनावट का हो जाए, तब समझिए कम्पोस्ट तैयार है।

कम्पोस्ट का उपयोग कैसे करें?
इसे गमलों में मिट्टी के साथ मिलाकर पौधों में डालें।
बगीचे की मिट्टी में मिलाएं।
फूलों, सब्जियों या फलों के पौधों के आसपास डालें।
इसे आप महीने में एक बार डाल सकते हैं। यह पूरी तरह से आर्गेनिक खाद होती है।

कुछ जरूरी सुझाव
किचन कचरे को हमेशा छोटे टुकड़ों में काटकर डालें, इससे सड़न प्रक्रिया तेज होगी।
गीले कचरे के साथ सूखा पदार्थ मिलाना न भूलें।
बिन को सीधा धूप में न रखें, लेकिन बहुत ठंडी जगह भी न हो। इसे सेमिसेड में रखें।
गंध आने पर उसे हवा लगवाएं और सूखा पदार्थ मिलाएं।

निष्कर्ष
घर पर किचन कम्पोस्ट बनाना न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि यह आपके बगीचे के लिए भी एक प्राकृतिक वरदान है। इससे ना केवल रसोई का कचरा कम होता है, बल्कि पौधों को रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी । यदि हर घर इस दिशा में पहल करे, तो हम एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

तो आज ही से शुरू करें – अपने घर का कचरा खुद कम्पोस्ट करें और प्रकृति को उसका उपहार लौटाएं।

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